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*हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने श्री गौतम अडानी और श्री राजेश अडानी के परिवार का दरगाह अजमेर शरीफ में स्वागत किया; श्री गौतम अडानी जी को “ग्लोबल पीस अवार्ड” से सम्मानित किया*

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ASANSOL DASTAK ONLINE DESK

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*प्रेस विज्ञप्ति*

अजमेर शरीफ, राजस्थान – 15/02/2025

11वीं सदी की पवित्र सूफी दरगाह, हजरत ख्वाजा गरीब नवाज (रह.) के आस्ताने पर एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब हाजी सैयद सलमान चिश्ती (गद्दी नशीन – दरगाह अजमेर शरीफ और चेयरमैन – चिश्ती फाउंडेशन) ने श्री गौतम अडानी (अडानी ग्रुप के चेयरमैन), श्रीमती प्रीति अडानी, श्री राजेश अडानी और श्रीमती शिलिन अडानी का दरगाह शरीफ में गर्मजोशी से स्वागत किया।

अडानी परिवार और उनके वरिष्ठ अधिकारियों के इस विशेष दौरे का उद्देश्य भारत की खुशहाली और विश्व शांति के लिए दुआएं मांगना था। यह यात्रा सूफी मूल्यों—भाईचारा, प्रेम, सेवा और समर्पण—के प्रति उनकी आस्था को दर्शाती है, जो हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (रह.) की शिक्षाओं का मूल आधार है।

इस पावन अवसर पर हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने श्री गौतम अडानी जी को “ग्लोबल पीस अवार्ड” से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें उनके असाधारण नेतृत्व, समाज सेवा, मानवता के प्रति योगदान और विश्व शांति की दिशा में किए गए कार्यों के लिए दिया गया। अडानी ग्रुप, श्री गौतम अडानी जी के नेतृत्व में, राष्ट्र निर्माण, सामाजिक विकास और आर्थिक उन्नति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिससे सतत विकास और समावेशी प्रगति को बढ़ावा मिल रहा है।

इस अवसर पर हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा:

“हजरत ख्वाजा गरीब नवाज (रह.) ने पूरी दुनिया को प्रेम, सेवा और इंसानियत का संदेश दिया। श्री गौतम अडानी जी और उनका परिवार इन्हीं आदर्शों को अपनाकर समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हमारी दुआ है कि वे इसी तरह जरूरतमंदों की मदद करते रहें और विश्व में शांति और समृद्धि का संदेश फैलाएं।”

श्री गौतम अडानी जी ने अजमेर शरीफ की जियारत को अपने लिए एक विशेष अनुभव बताया और इस आध्यात्मिक आशीर्वाद के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता नैतिक नेतृत्व और समाज सेवा का आधार होती है।

इस शुभ अवसर पर अडानी परिवार की ओर से विशेष लंगर (शुद्ध शाकाहारी भोजन) का आयोजन किया गया, जिससे हजारों श्रद्धालु दरगाह अजमेर शरीफ में तबर्रुक प्राप्त कर सके।

अंत में, भारत की उन्नति, विश्व में अमन और सभी के कल्याण के लिए खास दुआ-ए-खैर कराई गई, जिससे यह संदेश दिया गया कि आध्यात्मिकता और नेतृत्व साथ मिलकर समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (रह.) की दरगाह दुनिया की सबसे पवित्र सूफी दरगाहों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु मत, जाति और धर्म से परे होकर प्रेम और आस्था के साथ हाजिरी देने आते हैं।

हाजी सैयद सलमान चिश्ती, ख्वाजा गरीब नवाज (रह.) की शिक्षाओं को आगे बढ़ाते हुए, अंतरधार्मिक सद्भाव, मानव सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने में निरंतर प्रयासरत हैं। उनका संदेश साफ़ है—

“सबके लिए प्रेम, किसी से बैर नहीं।”