आसनसोल, सीबीएसई माध्यमिक और उच्च माध्यमिक का रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद राज्य से लेकर जिलों तक तमाम स्कुल अपने -अपने स्कुल के टॉपर छात्र और छात्राओं की लिस्ट जारी कर सिक्षा के क्षेत्र मे छात्र और छात्राओं को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के दावे ठोक रहे हैं और खुदको नंबर वन साबित करने की होड़ मे लगे हैं यह कहते हुए की उनके स्कुल का लक्ष्य राज्य ही नही बल्कि केंद्रीय स्तर पर छात्र और छात्राओं को टॉप लिस्ट मे शामिल करने का है, जिसके लिये वह जी तोड़ मेहनत तो कर ही रहे हैं साथ मे हर तरह के प्रयास मे भी जुट चुके हैं, ऐसे मे उन्ही स्कूलों मे से कुछ ऐसे भी स्कुल हैं जिन स्कुल के छात्र और छात्राएं स्कुल की पढ़ाई मे टॉप लिस्ट मे शामिल होने के बावजूद एक्जाम से पहले ऐसे किसी ना किसी हादसे का शिकार हुए या फिर किसी समस्या मे पड़ गए जिससे उन छात्रों ही नही बल्कि स्कूलों की भी उम्मीदें टूट कर पूरी तरह चकनाचूर हो गई, हम आसनसोल के एक ऐसे ही स्कुल की बात कर रहे हैं, जिस स्कुल के एक टॉपर छात्र एक्जाम से पहले एक ऐसे हादसे का शिकार हुआ जिस हादसे मे उसने मौत को तो मात दे दी पर एक्जाम मे उस छात्र और उसके स्कुल ने जो सपने देखे थे वह सपने पुरे नही हो सके, जी हाँ हम बात कर रहे हैं आसनसोल हीरापुर थाना अंतर्गत वार्ड संख्या 85 मोहिशीला बोदी पाड़ा इलाके के रहने वाले 17 वर्षीय सरत प्रियदर्शी की, सरत बचपन से ही काफी होनहार बच्चा है,
पढ़ाई लिखाई मे अच्छी रूचि रखने के कारण वह अपने माता पिता का काफी दुलारा तो है ही साथ मे वह अपने इलाके व डीएवी मॉडल स्कुल आसनसोल मे एक अच्छे और टॉपर छात्र के रूप मे जाना और पहचाना भी जाता है, सरत माध्यमिक एक्जाम से करीब पाँच महीने पहले चेली डंगाल स्थित एक कोचिंग सेंटर मे कोचिंग सेंटर चलाने वाले मालिक की लापरवाही के कारण पढ़ाई करते समय कोचिंग सेंटर मे बिछी एक नंगी बिजली के तार की चपेट मे आ गया जिससे सरत का हाँथ बुरी तरह जल गया, जिसकी खबर कोचिंग सेंटर वालों ने सरत के पिता संजीव प्रियदर्शी को दी संजीव पेसे से एक बिजनेश मैन हैं वह अपने सारे काम काज छोड़कर कोचिंग सेंटर पहुँचे और बिजली के चपेट मे आकर बुरी तरह झूलस्कर घायल हुए अपने बेटे को उठाकर आसनसोल के एक निजी अस्पताल ले गए, जहाँ चिकित्सकों ने उनके बेटे की स्थिति को देख उनको बेहतर इलाज के लिये चेन्नई के वेलोर अपोलो अस्पताल मे ले जाने की सलाह दी, सरत के पिता ने कोचिंग सेंटर वालों की लापरवाही को दर्शाते हुए अपने बेटे की इलाज का खर्च माँगा पर कोचिंग सेंटर वाले मुकर गए और राजनितिक व पुलिस का धौस दिखाने लगे, तंग आकर सरत के पिता सरत को चेन्नई के वेलोर अपने बेटे को इलाज के लिये ले गए जहाँ करीब पाँच महीनों तक सरत का इलाज चला कई बार सरत के ऑपरेशन किये गए, सरत की स्थिति को देख सरत के माता और पिता को नही लग रहा था की वह सरत को जीवित वापस ले जा पाएंगे पर उनको अपने भगवान् पर भरोसा था और वह जिंदगी और मौत से लड़ रहे सरत को सकुशल वापस घर ले आए सरत का इलाज अब भी जारी है, इलाज के बिच मे ही सरत ने माध्यमिक का एक्जाम दिया और वह अपने व अपने स्कुल की उम्मीदों मे खरा तो नही उतर पाया पर अपने स्कुल मे टॉप छात्रों की लिस्ट मे जगह जरूर बनाया, सरत ने कहा उसका टारगेट था की वह माध्यमिक के एक्जाम मे 90% से ज्यादा अंक प्राप्त करेगा उसने स्कुल मे भी अपने सिक्षकों व अपने साथियों को बता चूका था, सरत पर सबको बिस्वास भी था की सरत माध्यमिक मे कुछ अच्छा कर के दिखाएगा पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, फिलहाल सरत ने अपने जीवन मे बुरी परिस्थितियों से लड़ते हुए माध्यमिक का एक्जाम दिया और उस एक्जाम मे उसने करीब 86% अंक प्राप्त किए, सरत के बुलंद हौसले को देखते हुए उसके इलाके ही नही बल्कि उसके स्कुल के सिक्षक भी उसको सम्मानित करने पहुँच रहे हैं, सरत खुश है और वह आईआईटी व जेईई क्रेक करना चाहता है जिसके लिये वह जी तोड़ मेहनत कर रहा है, वहीं सरत के इस सपने को पूरा करने के लिये सरत के पिता संजीव प्रियदर्शी व सरत की माँ सुनीता प्रियदर्शी भी खूब सहयोग कर रहे हैं