**अहमदाबाद, 13 जून 2025:**
गुरुवार दोपहर हुए भयावह **एयर इंडिया विमान दुर्घटना** में जहां 240 से अधिक लोगों की जान चली गई, वहीं इस दर्दनाक हादसे में एक ऐसा चमत्कार सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया।
**ब्रिटिश-भारतीय नागरिक विश्वास कुमार रमेश (28)**, जो सीट **11A** पर बैठे थे, इस हादसे के **एकमात्र जीवित बचे** व्यक्ति हैं।
*हादसा और बचाव*
**एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171** ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण यह विमान **बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल** से जा टकराया।
विमान आग की लपटों में घिर गया, और आसपास की इमारतों में भी अफरा-तफरी मच गई।
*विश्वास कुमार रमेश की हालत*
रमेश को **गंभीर जलन**, **फेफड़ों में धुआं भरना**, और **दोनों पैरों में चोटें** आई हैं। उन्हें **सिविल अस्पताल, अहमदाबाद** में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक, अर्जुन की हालत स्थिर है लेकिन खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं हैं।
*चश्मदीदों की मानें तो…*
हॉस्टल के सुरक्षा गार्ड ने बताया, “विमान की आग में चारों ओर चीखें सुनाई दे रही थीं, लेकिन हमें एक आवाज़ सुनाई दी — ‘Help Me!’ — और वो अर्जुन थे, जो खिड़की के पास थे। हमने शीशा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला।”
*कौन हैं **Vishwash Kumar Ramesh** का हिंदी में अनुवाद होगा:
**विश्वास कुमार रमेश?*
<span;><span;>* पेशे से **डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट**
<span;><span;>* लंदन में रहते हैं, अहमदाबाद अपने परिवार से मिलने आए थे
<span;><span;>* दुर्घटना के समय **विमान के अग्रभाग (फ्रंट सेक्शन)** में बैठे थे
<span;><span;>* सीट 11A संभवतः क्रैश के दौरान सबसे कम प्रभावित हिस्सों में थी
*राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया*
प्रधानमंत्री ने विश्वास कुमार रमेश की सलामती पर प्रसन्नता जाहिर की और अस्पताल प्रशासन को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए।
गुजरात सरकार ने उन्हें विशेष सुरक्षा में रखा है।
जहां यह हादसा पूरे देश के लिए एक गहरा घाव बन गया, वहीं अर्जुन मेहता की जीवित बच निकलने की घटना मानो एक
*चमत्कार* है — जिसने यह साबित कर दिया कि ज़िंदगी मौत से लड़ भी सकती है… और जीत भी सकती है।