सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने अंतिम सांस ली। 9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे ज़ाकिर हुसैन भारत और विश्व भर में अपनी असाधारण प्रतिभा के लिए मशहूर थे। उन्होंने संगीत जगत में कई उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें 2023 में मिला पद्म विभूषण और तीन ग्रैमी पुरस्कार शामिल हैं।
उनकी संगीत यात्रा बेहद कम उम्र में शुरू हुई। महज 11 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिका में अपना पहला कंसर्ट किया। 1973 में उनका पहला एल्बम *‘लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड’* रिलीज़ हुआ। उनके तालवादन की खासियत थी कि वे किसी भी समतल सतह, यहां तक कि तवा और थाली जैसे रसोई के बर्तनों से भी संगीत की धुनें निकाल लेते थे।
उनका जाना भारतीय संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं।