बराकर । बराकर श्री मारवाड़ी विद्यालय में विज्ञान संकाय में कमेस्ट्री के शिक्षक नही होने के कारण कक्षा 11 के लगभग 22 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है ।
बराकर । बराकर श्री मारवाड़ी विद्यालय में विज्ञान संकाय में कमेस्ट्री के शिक्षक नही होने के कारण कक्षा 11 के लगभग 22 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है । इस संबंध में बताया जाता है कि नदी तट स्थित बराकर श्री मारवाड़ी विद्यालय में उच्च माध्यमिक में आर्टस के अलावा विज्ञान की पढ़ाई की जाती है । जिसे लेकर इस वर्ष विभिन्न स्कूल से माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा उतीर्ण कर लगभग 22 छात्रों ने बराकर मारवाड़ी विद्यालय में अपना नामांकन कराया । वहीं इस स्कूल में विज्ञान संकाय में कमेस्ट्री के शिक्षक नही होने के कारण छात्रों मे रोष है । क्योंकि शिक्षक के अभाव मे उक्त विषय की पढ़ाई वे नही कर पाएंगे । वही यदि इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन नही किया गया,तो आने वाले परीक्षा में छात्र शामिल नही हो सकते है । इसे लेकर लगभग 22 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है । इसे लेकर शुक्रवार को छात्रों के अभिभावकों ने विद्यालय के मुख्य गेट के समक्ष प्रदर्शन किया । इस दौरान अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाया कि यदि साइंस में शिक्षक नही है तो छात्रों का नामांकन नही करना चाहिये था । यदि इन छात्रों की पढ़ाई पूरी नही की गई या रजिस्ट्रेशन नही हुआ,तो इसका जिम्मेदार विदयालय प्रबंधन होगा । वही स्कूल के शिक्षकों ने छात्रों को बताया यदि इस विद्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन करा लें अन्यथा अन्य स्कूल में अपना नामांकन कार लें जहां उक्त विषय का शिक्षक उपलब्ध हो । हालांकि स्कूल प्रबंधन के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद पप्पू सिंह ने बताया कि जिस समय नामांकन की प्रकिया चल रही थी । उस समय भी शिक्षक की कमी के कारण इन छात्रों का नामांकन नही लिया जा रहा था । उस समय अभिभावकों ने जोर दिया कि सरकार के निर्देश के मुताबिक नामांकन लेना होगा ।अब नामांकन के होने के बाद रजिस्ट्रेशन के समय छात्रों एवं अभिभावकों की ओर से शिक्षकों की कमी का आरोप लगाना बेबुनियाद है । लेकिन वही लोगो ने कहा की बिना शिक्षक के इस तरह से स्कूल चला कर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । मालुम हो की इस स्कूल मे अधिकांश गरीब तथा मध्यम तबके के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते है । लेकिन यदि विद्यालय में शिक्षक ही नही होंगे तो बच्चो का शिक्षा का आधार कितना मजबूत होगा और इस तरह बिना शिक्षक के पढ़ाई करके बच्चे कहां तक सफलता प्राप्त कर पाएंगे ।